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गौरव तनेजा aka फ्लाइंग बीस्ट ने वैदिक परंपराओं का अपमान करने पर 'मिंट' की पत्रकार शेफाली भट्ट पर ठोका 2 करोड़ के मानहानि का केस

जाने माने यूट्यूबर और पूर्व पायलट गौरव तनेजा जो 'फ्लाइंग बीस्ट' के नाम से भी जाने जाते हैं, ने मीडिया पोर्टल 'मिंट' और इसकी रिपोर्टर 'शेफाली भट्ट' पर सनातन धर्म का अपमान करने पर 2 करोड़ की मानहानि का मुकदमा ठोंका है। इससे पहले गौरव तनेजा की दिल्ली हाईकोर्ट में भी इस मामले में जीत हुई।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 1 मई को गौरव तनेजा ने पायलट पत्नी रितु राठी और छोटी बेटी के साथ घर के गृह प्रवेश के दौरान हवन की फोटो ट्विटर पर डाली थी और लिखा था,'गृह प्रवेश पूजा। हिन्दू धर्म एक विज्ञान आधारित जीवन पद्धति है। 3 दिसंबर 1984 को भोपाल गैस रिसाव से दो परिवार अप्रभावित रहे। उन्होंने नियमित रूप से अग्निहोत्र (हवन) किया, जो प्रदूषण के लिए एक प्राकृतिक मारक है।'

गौरव के इस ट्वीट को कई लोगों ने लाइक और रीट्वीट करते हुए सनातन धर्म के प्रति उनकी सोच को सलाम किया और उनके कार्य को सराहा। दूसरी तरफ साइंस के आगे सनातन को धता बताने वालों ने गौरव को ट्रोल करना शुरू कर दिया। चूंकि, गौरव अब यूट्यूब वीडियो बनाते हैं, जहां उनके 14 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं और सोशल मीडिया पर भी उनकी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग है। इसलिए कई बड़े ब्रांड्स अपना प्रचार गौरव से उनके वीडियो ब्लॉग में करवाते हैं।

गौरव की ये प्रसिद्धि वामपंथ की विचारधारा से ग्रसित लोगों को पच नहीं पाई और आकाश बनर्जी (The Deshbhakt) तथा अभिषेक बक्शी जैसे लोगों ने उनके खिलाफ ट्विटर पर अभियाना चलाया और गौरव की वैज्ञानिक बातों को 'व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी' वाला बताया गया। ताकि जो भी ब्रांड्स गौरव से जुड़े हैं, वे अपना करार तोड़ दें। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

फिर मीडिया पोर्टल 'मिंट' की एक पत्रकार शेफाली भट्ट ने 8 मई को 'क्या ब्रांड्स को घटिया इंफ्लूएंसर्स का समर्थन करना बंद नहीं करना चाहिए?' शीर्षक से गौरव के ट्वीट का विरोध करते हुए एक लंबा चौड़ा लेख लिखा।

अपने लेख में शेफाली ने भर भरकर गौरव के खिलाफ दुष्प्रचार किया और जो ब्रांड्स, Google India, Airtel, Realme, Dell India, Mamearth और Rage Coffee जैसे कई ब्रांड्स को गौरव से करार तोड़ने के लिए बहुत निवेदन किया और उनके सोशल मीडिया पोस्ट को 'राजनीति तथा हिंदुत्व' से प्रेरित बताते हुए उनकी काफी आलोचना की। शेफाली ने अपने लेख में लिखा, "हिंदी भाषी दर्शकों के बीच गौरव की प्रसिद्धि बहुत ज्यादा है और ऐसे में उनके हर सोशल मीडिया पोस्ट से लोग प्रभावित होते हैं। इसलिए प्रमुख ब्रांड्स अपने मार्केटिंग के लिए उनके साथ सहयोग करते हैं, जोकि अब ग़लत दिशा में जा रहा है।"

शेफाली ने दावा किया कि सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने गौरव के पोस्ट को स्त्री विरोधी, बच्चों के साथ दुर्व्यवहार और पालतू पशुओं को प्रताड़ित करना पाया है। इसलिए उन्होंने पायलट से यूट्यूबर बने गौरव तनेजा उर्फ फ्लाइंग बीस्ट को हिंदूवादी परंपरा का अनुसरण करने की वजह से इन ब्रांड्स को उनके हाथ रिश्ते तोड़ने का अभियान चलाया। ट्विटर पर गौरव को 'मूर्ख', 'बेवकूफ' और 'पढ़ा लिखा अनपढ़' बताया गया। उनकी आईआईटी की डिग्री पर भी शक किया गया। इन लोगों के अनुसार, साइंस पढ़ने वाला व्यक्ति गर्व से हिंदू होने की बात नहीं कर सकता। सनातन पद्धति-परंपराओं को ये लोग गाली तो देते ही रहते हैं, इन्हें विज्ञान से भी कोई मतलब नहीं। अपनी नफ़रत को किनारे रख थोड़ा दिमाग लगाते तो पता चलता कि देश विदेश के तमाम वैज्ञानिक सनातन संस्कृति को कितना महत्व देते हैं।

फ्लाइंग बीस्ट ने घसीटा कोर्ट में और फिर हुई जीत

शेफाली के लेख से आहत गौरव ने उनके खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया, जिसकी अंतिम सुनवाई 28 जुलाई को हुई और इसी डेट में कोर्ट ने गौरव के पक्ष में फैसला दिया। कोर्ट का फैसला आने के बाद गौरव ने ट्वीट किया, "मेरे विश्वास और संस्कृति में विश्वास करने के लिए कुछ मीडिया द्वारा मुझ पर हमला किया गया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कल हमारे पक्ष में और मिंट और पत्रकार शेफाली भट्ट के खिलाफ आदेश पारित किया। कुछ अनैतिक पत्रिकाएँ एक शातिर हमला करती हैं, क्योंकि कुछ लोग अपनी पहचान का बैज गर्व से पहनते हैं। शेफाली के सभी लेख और ट्वीट दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार हटाए जाएंगे। इस तरह के पत्रकार "पत्रकारिता आचरण के मानदंड" @PressCouncil_IN का अपमान करते हैं।"


गौरव सिर्फ यहीं नहीं रुके। सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने के खातिर अपनी मर्यादा को धूमिल करने के आरोप में अब उन्होंने शेफाली भट्ट पर 2 करोड़ के मानहानि का मुकदमा दायर करके उन्हें 'रिटर्न गिफ्ट' स्वीकार करने को कहा है।

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