गुरुवार को (28 जुलाई) को एक बार फिर भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान 'मिग-21 बायसन', जोकि प्रशिक्षक विमान था, वायु वीरों के लिए 'उड़ता ताबूत' यानी 'फ्लाइंग कॉफिन' साबित हुआ। 28 जुलाई को रात 9:10 बजे उतरलाई एयरबेस से चला राजस्थान के बाड़मेर में प्रशिक्षण उड़ान के दौरान वायुसेना का 'मिग-21' विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और धूं धूं कर जलने लगा, जिसमें दोनों पायलटों, विंग कमांडर एम. राणा (36) तथा फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बाल (26), को गंभीर चोटें आईं और थोड़ी ही देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। आईएएफ ने दुर्घटना के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए 'कोर्ट ऑफ इंक्वायरी' शुरू कर दी है। हालांकि, यह पहली या दूसरी बार नहीं है जब रूस के 2.5 पीढ़ी के 'मिग-21 विमान' की ये दुर्दशा हुई है। मिग विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने का रिकॉर्ड काफी पुराना है, फिर भी वायुसेना के स्क्वाड्रन में ये एयरक्राफ्ट्स शामिल हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1960 से लेकर अभी तक कुल 1200 MIG-21 फाइटर एयरक्राफ्ट्स को इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया...
Chronicles of India, Hindus and the world